Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -04-Aug-2022 शिशु समान

शिशु समान

भावों से मेरे वह जन्मी
शिशु समान रचना है मेरी।
धीरे-धीरे इसे पालती।
नखरे इसके खूब उठाती।

कभी उन्मुक्त भावों में लिखती
कभी शब्दों से अलंकृत करती ।
हंसी खुशी की बातें लिखती।
सहजता से प्यार बढ़ाती।

भावों को मैं अपनी सहज कर
सबके समक्ष में रखती हूं।
कभी मृदु वाणी में बातें करती
डांट डपट कर भी समझाती।

       रचनाकार ✍️
       मधु अरोरा
     #प्रतियोगिता हेतु
4.8.2020

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8 Comments

Punam verma

05-Aug-2022 08:37 AM

Very nice

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Abhinav ji

05-Aug-2022 07:34 AM

Very nice👍

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Khan

05-Aug-2022 12:10 AM

Nice

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